महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज का आरोप, भतीजे के लिए धृतराष्ट्र बने परमानंद गिरि महाराज*

*महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज का आरोप, भतीजे के लिए धृतराष्ट्र बने परमानंद गिरि महाराज*
*ज्योतिर्मयानंद द्वारा आश्रमों पर कब्जा, धर्म की आड़ में गुंडागर्दी!*
*उज्जैन।* महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने अब सनातन धर्म की आड़ में धंधा करने वाले लोगों की पोल खोलने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज, उनके भतीजे ज्योतिर्मयानंद गिरी महाराज पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
वैराग्यानंद गिरी महाराज ने कहा है कि
महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज, जो दशकों से ब्रह्मज्ञान और सत्य के उपदेशक बने घूमते रहे हैं, आज खुद अपने ही घर के षड्यंत्र में आंखें मूंदे बैठे हैं। उनके भतीजे ज्योतिर्मयानंद पर सनातन धर्म की गरिमा को कलंकित करने, संत समाज को अपमानित करने और चारधाम जैसे प्रतिष्ठित आश्रमों पर खुलेआम गुंडागर्दी कर कब्जा करने के गंभीर आरोप लगाते हुए महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि ज्योतिर्मयानंद ने दिल्ली, उज्जैन और उत्तरप्रदेश के कई आश्रमों को जबरन हथिया लिया। उज्जैन के चारधाम मंदिर की तो लूट ही कर ली, जिसे पीठाधीश्वर शांति स्वरूपानंद ने अपनी सारी उम्र धर्म की सेवा में खपाकर खड़ा किया था। इतना ही नहीं यहां होने वाली संस्कृति की पढ़ाई को भी ज्योतिर्मयानंद ने बंद करवा दिया। इससे सनातन धर्म के प्रचार प्रसार का रास्ता भी बंद हो गया है।
स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने तीखे शब्दों में कहा, आज धर्म की रक्षा करने वाला अखाड़ा तंत्र अगर मौन बैठा रहा तो आने वाले समय में संत समाज को मठ-मंदिरों के नाम पर ऐसे दुर्योधन लूटते रहेंगे और धर्माचार्य धृतराष्ट्र बने बैठे रहेंगे। उन्होंने युगपुरुष परमानंद गिरि महाराज पर भी सीधा सवाल उठाया कि वे अपने भतीजे की इस गुंडागर्दी के सामने क्यों आंखें बंद किए हुए हैं? क्या धन और संपत्ति की हवस में रिश्ता बड़ा हो गया और धर्म छोटा पड़ गया?
*गुरु की जगह लिखवाया गृहस्थ पिता का नाम :*
स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने आरोप लगाया कि ज्योतिर्मयानंद ने न केवल संपत्तियों को हड़पा है बल्कि उज्जैन में एक माता के साथ घोर कुकृत्य करने के आरोप भी उस पर लगे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परमानंद गिरि महाराज अखंडानंद महाराज का नाम लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन स्वयं अपनी भारतीय आईडी में गुरु के नाम की जगह अपने गृहस्थ पिता कालीचरण का नाम लिखवाकर अखाड़े की सनातन परंपरा की धज्जियां उड़ा चुके हैं।
महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, जूना अखाड़े के महंत एवं अखाड़ा परिषद के सचिव हरिगिरि महाराज सहित सभी 13 अखाड़ों से मांग की है कि “ऐसे धर्म को बेचने वाले धोखेबाज गृहस्थ को संत समाज से बाहर निकाल फेंका जाए, और जिन आश्रमों पर उसने कब्जा जमाया है, उन्हें तुरंत अखाड़ा परिषद के अधीन लाया जाए।
*न्याय नहीं मिला तो करेंगे जन आंदोलन:*
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मांग की है कि ज्योतिर्मयानंद के तमाम घिनौने कारनामों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि सनातन धर्म के नाम पर ऐसे अपराधियों को संरक्षण न मिले।
स्वामी वैराग्यानंद गिरि महाराज ने साफ चेतावनी दी, अगर न्याय नहीं मिला तो मैं सैकड़ों संतों को साथ लेकर ऐसा जनांदोलन खड़ा करूंगा, जिससे धर्म की आड़ में मठ-मंदिरों को हड़पने वालों के पांव उखड़ जाएंगे। यह लड़ाई अब रुकने वाली नहीं है।