सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संख्या

सौरभ नाथ की खबर 9039502565

भोपाल नर्मदीय भवन तुलसी नगर में सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संगठन (सपाक्स) की सामान्य सभा की बैठक एवं प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन किया गया कार्यक्रम में समास श्री सुधीर नायक अध्यक्ष, मंत्रालय कर्मचारी संगठन, श्री उमाशंकर तिवारी, सचिव मध्य प्रदेश तृतीयवर्ग कर्मचारी संगठन, सुनील पटेरिया जिला सचिव कर्मचारी संघ ग्वालियर, संगठन के संस्थापक मंडल के सदस्य एवं अध्यक्ष डॉक्टर के एस तोमर, संस्थापक मंडल के सदस्य श्री अजय जैन, श्री आरबी राय, श्री आलोक अग्रवाल, श्री अनुराग श्रीवास्तव संगठन के उपाध्यक्ष इंजीनियर डी के भदोरिया, श्रीमती रक्षा चौबे संगठन के कोषाध्यक्ष श्री राकेश नायक संगठन के न्यायालय शाखा के प्रभारी श्री आशीष भटनागर, संगठन के राज्य समन्वयक डॉक्टर एस के श्रीवास्तव, राज्य समन्वयक एवं अध्यक्ष उज्जैन श्री अरविंद सिंह चंदेल, मंत्रालय संगठन के अध्यक्ष श्री हितेश, मंत्रालय संगठन श्री अमरेश गालर, श्रीमती चेतना, संगठन की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य डॉ शशांक सिंह, डॉक्टर विपिन तोमर संगठन के सचिव राजीव खरे विभिन्न जिलो से आए पदाधिकारी एवं सदस्य इसके साथ बड़ी संख्या में मंत्रालय के कर्मचारियों तथा विभिन्न विभागों के संचालनालय्यों के एवं विभिन्न कार्यायलयों के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे.

 

सभी वक्ताओं ने नए बनाए गए लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 में किए गए प्रावधानों की आलोचना की तथा यह कहा कि सरकार द्वारा एक तरफा नियम बनाए गए हैं आरक्षित वर्ग के जिन लोगों को पदवनत होना है उनको पदावनत न करते हुए न केवल पदोन्नति का इनाम दिया जा रहा है, बल्कि अनारक्षित के पदो पर पदोन्नती देने के प्रावधान है जो की माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है दूसरी तरफ सामान्य अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी जिनके पदों में आरक्षित वर्ग के पदाधिकारी पहले से ही पदस्थ है उन्हें उनके पदों में आरक्षित वर्ग के आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों की पदोन्नति कर उनके पदों को कम किया जा रहा है जो की

 

 

को मध्य प्रदेश के 2019 के चुनाव एक

 

फिर से याद दिलाने बात कही वक्ताओं दवारा कहा गया कि सामान्य वर्ग

 

नाराजगी का खामिक

 

एक बार भुगत चुकी है दोबारा उसी की

 

कर रही है

 

संगठन की बैठक का प्रमुख उ‌द्देश्य संगठन के विस्तार की संगठन के बायलॉज में संशोधन तथा परिमार्जन करना एवं मध्य प्रदेश लोक पदोन्नति नियम 2025 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा कर रणनीति बनाना था बैठक में कहा गया मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम 2025 बहुत सारे मुददे ऐसे हैं जिसे अभी भी अनारक्षित वर्ग को पदोन्नतियों में बहुत नुकसान होने की संभावना बनी हुई है, साधारण सभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पहले इस विषय पर संगठन के सदस्य सभी जिलो में सांसदों एवं विधायकों से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे एवं उनको अभ्यावेदन टैगे उसके बाद जिला कलेक्टर को मुख्य मंत्री एवं के नाम से ज्ञापन सौंपे जाएंगे । इस कार्रवाई के समानातर हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में भी यथासंभव प्रयास किए आएंगे वहां से सरकार द्वारा बनाए आ रहे गलत नियमों के विरुद्ध आदेश प्राप्त किए जा सके ।

 

पदोन्नति में आरक्षण के बनाए गए नए नियम 2025 में संघटन की आपत्तियां निम्न अनु‌सार है

 

1 पदोन्नति वर्ष 2016 से नहीं हुई है अत पदोन्नति के लाभ 2025 के बजाय 2016 से दिए आए।

 

2 नए नियमों से आरक्षित को के उन कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पुनः पदोन्नति किया जा रहा है, जिन्हे मा उच्च न्यायालय ने वर्ष 2006 में पदावनत करने के निर्देश दिए थे।

 

3. सध्य प्रदेश शासन की लंबित याचिका पर मा स्थिति के आदेश दिए गए हैं जिसे आधार बनाकर पदावनत नहीं किया गया अतः इसी आधार पर सकती।

 

4 गए जिवसों में माननीए रोयेज़ एमडीएमई अत पर लागू होने वाले

 

बैंकों के रिक्त पदों को भरने हेतु कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है जिसकी वजह से अनारक्षित वर्ग का नुकसान हो रहा है।

 

6 अनारक्षित पदों में आरक्षित वर्ग के किसी कर्मी की पदोन्नति नहीं की जानी चाहिए क्योंकि वह पूर्व में ही आरक्षण का लाभ लेकर पदस्थ है।

 

7 नए नियम लागू करने के पूर्व उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार प्रतिनिधित्व निर्धारण के लिए आंकड़ों के संगणन की बाध्यता का पालन नहीं किया जा रहा है।

 

संघटन अब पदोन्नती में आरक्षण के विरुद्ध संघर्ष के अतिरिक निम्न मुद्दो पर भी पूरी शक्ती से कार्य करेगा :-

 

सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों के हक में आवाज उठाना तथा उनके हक के लिए संघर्ष करना एवं प्रशासकीय विभिन्न कार्रवाइयों में उन्हें आवश्यकता अनुसार मदद करना

 

आरक्षण का आधार जातिगत न होकर आर्थिक हो ओ.बी.सी. की तरह अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग में भी क्रीमी लेयर का प्रावधान हो ।

 

अनारक्षित वर्ग के रिक्त 2.50 लाख पदों पर भर्ती में प्रतिबंध हटाकर नौजवानों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायें।

 

अत्याचार निवारण अधिनियम (एट्रोसिटी एक्ट) संशोधित हो। बिना पर्याप्त जाँच के किसी पर भी प्रकरण दर्ज न किया जाये।

 

सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को भी नौकरी, स्वरोजगार की योजनाओं, प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुसूचितजाति / जनजाति के सदृश्य सुविधाएं दी जायें।

 

संविदा एवं आउटसोर्सिग पूर्णतः समाप्त कर नियमित नौकरियाँ दी जायें तथा संविदा कर्मियों एवं शिक्षाकर्मियों / अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाये ।

 

बैकलॉग की सही गणना की जाये। अनारक्षित वर्ग में समायोजित अनुसूचित जाति जनजाति के पदों को पृथक किया जाये।