भोपाल। खंडवा जिले के कलेक्टर ऋषभ गुप्ता पर भू-अधिग्रहण मामलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता विकास पिपरिया ने लोकायुक्त कार्यालय, भोपाल में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के तहत किए जा रहे भूमि अधिग्रहण मामलों में कलेक्टर ने अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों और स्थानीय दलालों के साथ मिलकर साजिश रची, जिससे केंद्र और राज्य सरकार को लगभग 173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।शिकायत के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 347बी और 753एल के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण NHAI द्वारा किया गया था। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत यदि कोई किसान मुआवजा राशि से असंतुष्ट होता है तो उसे कलेक्टर के समक्ष अपील का अधिकार है। खंडवा जिले में ऐसे 500 से अधिक अपील मामले पिछले चार वर्षों से लंबित थे जिन्हें पूर्व कलेक्टर ने "अनुचित" मानते हुए रोका था।

लेकिन वर्तमान कलेक्टर ऋषभ गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने इन मामलों को दोबारा खोलकर "सेटिंग" के जरिए मुआवजा बढ़ाने की योजना बनाई। विकास पिपरिया का आरोप है कि कलेक्टर ने अपने निजी सहायक विशाल जोशी, रीडर दिलीप हरसूदे, राकेश दुबे, प्राणेन्द्र राका और कांग्रेस नेता अमित जैन के साथ मिलकर एक नेटवर्क तैयार किया है, जो किसानों को अपील करने के लिए प्रेरित करता है और एडवांस में रिश्वत लेकर मुआवजा बढ़ाने का आश्वासन देता है। शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि हर एक मामले में औसतन 10 लाख रुपये की दलाली ली जा रही है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ मामलों में कलेक्टर स्वयं किसानों से सीधे मुलाकात कर रहे हैं और इन बैठकों की व्यवस्था कांग्रेस नेता अमित जैन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे नेटवर्क की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और शासकीय कोष को हो रहे नुकसान को रोका जाए। शिकायत की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, सीबीआई, राज्य के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी गई है।