RGHS पोर्टल में बड़ा घोटाला, सरकार को 28% तक का नुकसान
जयपुर: राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) में ब्रांडेड जेनरिक दवाओं के भुगतान के बदले राज्य सरकार को विक्रेता की ओर से मिलने वाले डिस्काउंट में भी गड़बड़ी कर सरकार को कई दवाइयों पर 28% तक की चपत लगाई जा रही है। पड़ताल में सामने आया कि RGHS पोर्टल पर भी हेराफेरी की जा रही है। योजना में सरकार को दो तरह के डिस्काउंट मिलते हैं। पोर्टल के अनुसार 12% डिस्काउंट एथिकल दवा पर और 40% जेनरिक दवा पर मिलता है। बिल बनाते समय विक्रेता की ओर से पोर्टल पर दवा को सलेक्ट करते ही उस पर मिलने वाला डिस्काउंट नजर आता है।
दवाओं में गड़बड़ी पर उठे सवाल
दवा बाजार से की गई पड़ताल में सामने आया कि यह डिस्काउंट राज्य सरकार अपने स्तर पर तय करती है। इनमें कई जेनरिक दवाइयां ऐसी हैं, जिन पर 40% डिस्काउंट होना चाहिए। लेकिन पोर्टल पर 12% ही बताया गया है। ये दवाइयां हर साल करोड़ों रुपए से ज्यादा की बिक जाती है। ऐसे में 28% के हिसाब से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि RGHS योजना का सालाना बजट 600-700 करोड़ से बढ़कर 4 हजार करोड़ से अधिक पहुंच चुका है। इनमें 50% करीब 2 हजार करोड़ रुपए दवाइयों का खर्चा है।
सरकार को नहीं मिला सही डिस्काउंट
इन दवाइयों पर भारी डिस्काउंट का कारण निर्माता की ओर से इन पर कई गुना MRP लिखा जाना है। इन दवाओं का मार्जिन तय नहीं है। RGHS योजना के तहत राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को कैशलेस उपचार की सुविधा देती है। दवा दुकान से दवा लेने वाले मरीज के पैसों का भुगतान सरकार की ओर से संबंधित विक्रेता को किया जाता है। इसके बदले सरकार उससे डिस्काउंट लेती है।