भीलवाड़ा में ग्रेनाइट खदान में डूबने से 5 बहनों के इकलौते भाई की मौत हो गई। वह बकरी चराने गया था। वहां से गुजर रहे ग्रामीणों ने जब खदान की चट्टान पर किशोर की चप्पल और बकरियों को देखा तो तलाश शुरू की। करीब 3 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद किशोर की बॉडी पानी से निकाली गई।मामला करेड़ा थाना क्षेत्र के तिखी का बाडिया गांव का है। नारेली सरपंच लादू लाल गुर्जर ने बताया- नारेली ग्राम पंचायत के तीखी का बाडिया गांव के समीप चारभुजा ग्रेनाइट है। यह खदान लंबे समय से पानी भरने के चलते बंद पड़ी है।

स्कूल की छुट्टी होने पर बकरी चराने पहुंचा था
सरपंच के अनुसार, तीखी का बाडिया निवासी कुलदीप सिंह(16) पुत्र अमर सिंह रावत दसवीं में पढ़ता था। वह 5 बहनों का इकलौता भाई था। रविवार को स्कूल की छुट्टी होने से वह खदान पर बकरियां चराने पहुंचा था। संभवत: करीब एक से डेढ़ बजे के आसपास उसका पैर फिसल गया और पानी में डूब गया, जिसके कारण उसकी चप्पल चट्टान पर ही रह गई। वहां से गुजर रहे ग्रामीणों ने जब वहां सिर्फ बकरियां देखी तो उन्हें संदेह हुआ। इसके बाद किशोर की तलाश शुरू की गई।
करेड़ा थाना के एएसआई रेवत सिंह ने बताया कि सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। करीब 3 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। तीन मोटर से खदान का पानी खाली किया गया। साथ ही ग्रामीणों की मदद से उसकी बॉडी की तलाश की गई।
हालांकि शाम करीब साढ़े 4 बजे उसकी बॉडी को पानी से निकाल लिया गया और करेड़ा हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी लेकर पहुंचे। वहां पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई पूरी कर शव परिजनों को सौंपा गया।
जानकारी के अनुसार, मृतक के परिवार में माता- पिता के अलावा 5 बहनें है। जिनमें 4 बड़ी बहने शादीशुदा है और एक छोटी बहन है। पिता डूंगरपुर में मैकेनिक का काम करते है।