*विकसित भारत की नींव बनेंगे अमृत रेलवे स्टेशन*

 

 *जया वर्मा सिन्हा *

 

संतोष योगी की खबर 9993268143

भोपाल विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए देश में परिवर्तन तीव्र गति से और स्पष्ट रूप से हो रहा है, जिसे हर नागरिक और आगंतुक सहजता से देख और अनुभव कर सकते हैं। यह विकास अब केवल नीतियों और राजनीतिक भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भवनों, सड़कों और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

 

देश में बने एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते हुए यह महसूस होता है कि राज्यों के बीच संपर्क में सुधार हुआ है और यात्रा अधिक सुगम हो गई है। इसका उदाहरण वे आधुनिक हवाई अड्डे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाते हुए भारत को एक वैश्विक पहचान दिलाते हैं। यह परिवर्तन स्मार्ट शहरों के निर्माण के हिस्से के रूप में हो रहा है, जहां आधुनिक तकनीक, स्मार्ट भवनों और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से विकास को गति मिल रही है। 

 

पहले रेलवे का नजरअंदाज किया गया था, लेकिन अब यह भी इस परिवर्तन का हिस्सा बन चुका है। भारतीय रेलवे स्टेशनों को पहले केवल भीड़-भाड़ वाले, नीरस स्थान के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इन्हें आधुनिक रूप में तब्दील किया जा रहा है। इनका उद्देश्य केवल एक यात्री के आवागमन की सुविधा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र और शहरों की पहचान के रूप में उभरना है। पहले जहां स्टेशन केवल यातायात का केंद्र थे, वहीं अब ये एक नई पहचान और उच्चतम मानक वाली सुविधाओं के साथ विकसित हो रहे हैं।

 

अमृत भारत स्टेशन परियोजना इस बदलाव का केंद्र बिंदु है। भारतीय रेलवे की अगुवाई में, इस परियोजना के तहत देशभर में 1,300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। यह सिर्फ भौतिक संरचनाओं और तकनीकी सुविधाओं को जोड़ने का काम नहीं, बल्कि यह भारत के सार्वजनिक स्थानों के प्रति दृष्टिकोण को बदलने की दिशा में एक कदम है।

 

इस परियोजना का उद्देश्य है कि रेलवे स्टेशनों को न केवल यात्री सुविधाओं के रूप में बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाए। पहले जहां रेलवे स्टेशन केवल एक बडे़ पैमाने पर यात्रियों के आवागमन के स्थान होते थे, अब ये शहरों की पहचान और जीवनशैली के प्रतीक बन गए हैं। इन स्टेशनों को अब एक नए दृष्टिकोण से डिजाइन किया जा रहा है, जहां केवल ट्रेनों का संचालन ही नहीं, बल्कि लोगों के अन्य आवश्यक कामकाज भी पूरे होते हैं।

अमृत भारत स्टेशन परियोजना का प्रमुख उद्देश्य दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इसमें रेलवे स्टेशनों का मास्टर प्लान विकसित किया जा रहा है, जो न केवल यात्रियों की संख्या और यातायात को ध्यान में रखे, बल्कि हर स्टेशन के स्थानीय परिप्रेक्ष्य, संस्कृति और शहर के विकास की जरूरतों को भी समाहित करे। यह योजना प्रत्येक स्टेशन के लिए अनुकूल और जरूरी सुधारों की दिशा में अग्रसर है, ताकि यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक अनुभव मिल सके।

 

इसमें छोटे बदलावों से कहीं ज्यादा, रेलवे स्टेशनों को एक जीवंत सार्वजनिक स्थल में बदलने की प्रक्रिया है, जो परिवहन, खरीदारी, पर्यटन और सामाजिक मिलन केंद्र के रूप में कार्य करता है। अब इन स्टेशनों का डिज़ाइन ऐसी योजनाओं पर आधारित है, जो यात्रियों के आराम और उनकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखे।

 

स्टेशनों के डिज़ाइन में पारंपरिक तत्वों के साथ-साथ आधुनिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण को भी शामिल किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन न केवल अपनी सौंदर्यता से बल्कि अपनी उपयोगिता से भी लोगों के जीवन में योगदान करें। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता और डिज़ाइन में सुधार, यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

 

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए दिव्यांगजनों और वृद्धों के लिए लिफ्ट, एस्केलेटर और विशेष रास्ते बनाए जा रहे हैं। स्टेशन अब केवल आवागमन का स्थान नहीं रहेंगे, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी बनेंगे, जहाँ लोग सिर्फ यात्रा करने के लिए नहीं, बल्कि आनंद और विश्राम के लिए भी आएंगे।

 

अमृत भारत स्टेशन परियोजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, खुला और सभी के लिए सुलभ स्थान बनाना है, जहां हर व्यक्ति अपनी जरूरतों और अनुभवों के अनुसार सुविधाओं का लाभ उठा सके। इस परियोजना के माध्यम से भारतीय रेलवे की सोच में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है, जहां यात्रा के स्थान को एक नए और समग्र दृष्टिकोण से देखा जा रहा है।

 

लेखिका जय वर्मा सिन्हा भारतीय रेल की पूर्व अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

 

जनसंपर्क अधिकारी

पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मंडल