चंडीगढ़: पंजाब से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए छह आरोपितों की मोबाइल कॉल्स डिटेल व पूछताछ में 30 से अधिक लोगों की पहचान की गई है जो इस जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। पंजाब पुलिस की ओर से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई मलेरकोटला निवासी गजाला से पूछताछ में खुलासा हुआ है पाकिस्तान उच्चायोग का अधिकारी दानिश उर्फ एहसान-उर-रहीम मित्र से बढ़कर संबंध थे।

दानिश के संपर्क में वह तब आई जब पाकिस्तान जाने के लिए उसने वीजा दिलवाने में मदद की। दानिश, जिसे केंद्र की ओर से अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है, भारत में जासूसी का नेटवर्क चला रहा था। दानिश लोगों को पाकिस्तान का वीजा दिलवाने के बहाने लोगों को फंसाता था और फिर उन्हें जासूसी के लिए इस्तेमाल करता था।

गजाला ने बताया कैसे होती थी जासूसी?
गजाला, जो एक विधवा है उससे पूछताछ में पता चला है कि दानिश महिलाओं को हनीट्रैप कर उन्हें जासूसी के लिए तैयार करता था। गजाला बीती 2 फरवरी को पाकिस्तान उच्चायोग गई थी। आरोपित ने अपने, अपनी मौसी नसरीन बानो और दो अन्य रिश्तेदारों के लिए वीजा लेना था वहीं उसकी मुलाकात दानिश से हुई।

आरोपितों में से किसी एक का वीजा खारिज कर दिया गया था जिसके बाद सभी मलेरकोटला लौट आए। लेकिन 27 फरवरी को व्हाट्सएप पर एक व्यक्ति का संदेश आया, जिसने खुद को पाकिस्तान उच्चायोग का वीजा अधिकारी दानिश बताया। जिस के बाद से वह लगातार उसके संपर्क में रही।

पुलिस जांच में पता चला कि दानिश का नंबर गजाला के फोन में हैप्पीनेस के नाम से सेव था। गजाला ने देखा कि दानिश के मैसेज ऐप सेटिंग्स की वजह से अपने आप डिलीट हो रहे हैं, तो उसने दानिश के साथ हुई कुछ चैट को दूसरे मोबाइल में वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जो उसने अपने भाई का बताया। वह मोबाइल भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

2023 में दानिश से मिला था यासीन
मलेरकोटला मामले में दूसरा गिरफ्तार व्यक्ति यासीन मोहम्मद है, जो मलेरकोटला शहर के किला अहमदगढ़ मोहल्ले का निवासी है। उसने भी गजाला के खाते में 10,000 ट्रांसफर किए थे। 33 वर्षीय यासीन, जो कीटनाशक का कारोबार करता था, ने पुलिस को बताया कि वह 2013 में पहली बार पाकिस्तान गया था।

2023 में दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा इंटरव्यू के दौरान उसकी मुलाकात दानिश से हुई थी। दानिश ने वीजा और अन्य मदद का आफर दिया। दानिश की मदद से मुझे तीन वीजा ओर मिले। दानिश ने मुझे कहा कि 25,000 प्रत्येक एकाउंट में यूपीआई से ट्रांसफर करूं। हमने वह राशि यूपीआई स्कैनर से जमा की। इस मामले में जल्द ओर खुलासे होंगे।

इंटरनेट मीडिया चैनलों पर पुलिस नजर
सीमा पार से आईएसआई ने इंटरनेट मीडिया इंफलुएंसर्स पर डोरे डाल रहा है। केंद्रीय एजेंसियों ने इनपुट सांझा किया है सांझा जिसके बाद निजी छोटे चैनलों की पुलिस स्कैनिंग कर रही है। पुलिस की ओर से देखा जा रहा है कि यूट्यूब ओर अन्य ब्लॉगर ने कौन कौन सी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड की। वीडियो कहां कहां की है। पिछले छह महीने में वह कहां कहां गए। फूड ब्लागर से लेकर स्पान्सरशिप टूरों की जांच भी जा रही है। स्पेशल टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम इसकी मानीटरिंग कर रही है।