संविधान की जीत – ग्वालियर में बाबा साहब की प्रतिमा लगाने संबंधी हाई कोर्ट के निर्णय का समाजवादी पार्टी ने किया स्वागत।

सौरभ नाथ की खबर 9039502565

भोपाल हेडलाइन ग्वालियर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापित करने के निर्णय के विरोध में कुछ मनुवादी मानसिकता के लोगों द्वारा जो अपमानजनक प्रयास किए गए, वे न केवल भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ थे, बल्कि सामाजिक न्याय और समता के मूलभूत सिद्धांतों पर सीधा हमला थे।

 

ऐसे विषैले विरोध के विरुद्ध हाई कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय न केवल संविधान और लोकतंत्र की पुनर्स्थापना है, बल्कि यह हर उस नागरिक की आवाज़ है जो न्याय, समानता और आत्मसम्मान में विश्वास रखता है।

 

समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश इस साहसिक और न्यायोचित फैसले का तहे दिल से स्वागत करती है। यह निर्णय उन सभी दलित, पिछड़े, वंचित और प्रगतिशील तबकों की भावना का सम्मान है जिन्होंने इस देश को एक सशक्त लोकतंत्र बनाने में योगदान दिया है।

 

बाबा साहब सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, वह एक विचारधारा हैं – वे समता, स्वतंत्रता, बंधुता और न्याय के प्रतीक हैं। उनकी प्रतिमा को किसी स्थान विशेष पर लगाने का विरोध करना, उनके विचारों का विरोध करना है। यह अत्यंत निंदनीय है और समाजवादी पार्टी ऐसे मनुवादी सोच की घोर भर्त्सना करती है।

 

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी, मध्य प्रदेश, शुरू से ही यह मांग करती रही है कि बाबा साहब की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जाए, जहां प्रस्तावित थी। इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने ग्वालियर में प्रदेश महासचिव श्री रणवीर यादव जी के नेतृत्व में, जिला अध्यक्ष श्री रामवीर गुर्जर, शहर अध्यक्ष श्री राजेश यादव तथा अन्य समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था।

 

यह जीत सिर्फ एक प्रतिमा की स्थापना की नहीं है, यह जीत है विचारों की, यह जीत है बाबा साहब के स्वप्नों की, यह जीत है उस भारत की, जो हर नागरिक को समान अधिकार और गरिमा प्रदान करता है।

 

समाजवादी पार्टी यह स्पष्ट करना चाहती है कि जब तक संविधान पर आस्था रखने वाला एक भी नागरिक जीवित है, तब तक कोई भी मनुवादी ताकत इस देश की लोकतांत्रिक आत्मा को कुचल नहीं सकती।

 

हम उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने सत्य और न्याय का पक्ष लिया। साथ ही हम यह संकल्प लेते हैं कि समाजवादी पार्टी बाबा साहब के सिद्धांतों की रक्षा के लिए हर संघर्ष को तैयार रहेगी – चाहे वह सड़क पर हो या संसद में।