छत्तीसगढ़ी कविता 

गुरु महिमा ( गीत )*

डॉ क्षमा पाटले "अनंत"

अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार एवं 

समाजसेवी, छत्तीसगढ़ 

सौरभ नाथ की खबर 9039502565

गुरु के महिमा समझत नई दुनिया हे बेईमान 

मैं गुरू ल बंदों संगी हो गुरु हे जग म महान ।

 

गुरु बिना अधियार हवै जीवन के पैडगरी 

शिक्षा के सागर म हो जाथे जीवन सुनहरी

 फुटहा करम के किस्मत जागे जीवन के आधार गुरू....

मैं गुरू ल बंदों संगी हो गुरु हे जग म महान!

 

गुरु हे नयै गुरू खेवैया गुरु ही पार लगाये

गुरु बिना जग सुन्ना हावै गुरू ही राह दिखाये

गुरु हे पारस गुरु मणि हे गुरु हे जग म सार....

मैं गुरू ल बंदौं संगी हो गुरु हे जग म महान।

 

गुरू ह देथे शिक्षा हमला बन जाथन गुनवान 

बड़े बड़े पद म जाकर के हो जाथन धनवान 

गुरु हे शक्ति गुरू से दर्पण गुरु से हमला आस

मैं गुरू ल बंदौं संगी हो गुरु हे जग म महान।

✍️ डॉ क्षमा पाटले "अनंत "

अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार एवं समाज सेवी , छत्तीसगढ़