*'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के अंतर्गत सीहोर जिले के किसानों को दी गई उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी* 

संतोष योगी की खबर 9993268143

भोपाल माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून 2025 तक संचालित "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के अंतर्गत 01 जून 2025 को सीहोर जिले के आष्टा ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतों - भेरुपुर, खड़ी और चन्नोठा में किसानों से सीधा संवाद स्थापित किया गया। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल; भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल, एवं भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, फंदा (भोपाल) की वैज्ञानिक टीम ने भाग लिया, जिस में डॉ. मनोजीत चौधरी (विशेषज्ञ: कृषि यंत्र एवं शक्ति), डॉ. आर. एच. वंजारी (विशेषज्ञ: सस्य विज्ञान) एवं डॉ. निधि कुमारी (विशेषज्ञ: पादप-रोग विज्ञान) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इनके साथ राज्य कृषि विभाग के पशु चिकित्सक, उद्यानिकी विशेषज्ञ एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत कृषि विधियों, यंत्रीकरण, मृदा स्वास्थ्य, जैविक खेती, रोग प्रबंधन एवं राज्य सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ. मनोजीत चौधरी ने खरीप मौसम में उपयोग होने वाले आधुनिक यंत्रों जैसे इनक्लाइंड प्लेट प्लांटर, प्यूमैटिक प्लांटर, रेज़्ड बेड प्लांटर और ब्रॉड बेड फरो प्लांटर की उपयोगिता समझाई। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन हेतु मल्चर, रोटावेटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, ज़ीरो टिल ड्रिल और स्ट्रॉ बेलर जैसे यंत्रों के माध्यम से अवशेषों का कुशल उपयोग करने की जानकारी भी साझा की। डॉ. आर. एच. वंजारी ने मृदा नमूना लेने की प्रक्रिया, मृदा परीक्षण की उपयोगिता, मृदा स्वास्थ्य तथा मृदा स्वास्थ कार्ड का महत्व, आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी। साथ ही जैविक एवं प्राकृतिक खेती की विधियाँ और सोयाबीन व मक्का की उन्नत किस्मों की जानकारी भी दी। डॉ. निधि कुमारी ने किसानों को फसलों में लगने वाले रोगों, उनके जैविक व रासायनिक नियंत्रण के उपाय, दवाओं की सही मात्रा और छिड़काव की विधियाँ बताईं। उन्होंने रोगों के प्रबंधन में जैविक तरीकों के लाभ भी समझाए। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को राज्य की विभिन्न योजनाओं, पशु स्वास्थ्य, समय पर टीकाकरण, सब्जियों की वैज्ञानिक खेती और उपयुक्त किस्मों के चयन के बारे में मार्गदर्शन दिया।

इस दौरान किसानों को जानकारी हेतु कई प्रकार के लीफलेट भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के दौरान किसानों ने वैज्ञानिकों से अपनी जिज्ञासाएँ साझा कीं और उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित हुए। यह आयोजन किसानों को आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक सोच की ओर अग्रसर करने की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास रहा।