भोपाल। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने हरदा जिले में प्रशासनिक सुधारों और नवाचारों की सराहना करते हुए कलेक्टर आदित्य सिंह को एक प्रशंसा पत्र भेजा है। इस पत्र में जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, पोषण सुधार कार्यक्रम, और शिक्षा व्यवस्था में किए गए नवाचारों की विशेष रूप से प्रशंसा की गई है।

बेटियों के लिए अनूठी पहल

हरदा जिला प्रशासन द्वारा बेटी सशक्तिकरण अभियान के तहत "रेवा परियोजना" की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य बेटियों के परिवारों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत ऐसे परिवार जिनकी केवल बेटियां हैं, उन्हें विभिन्न सेवाओं पर 2 से 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जा रही है। छूट का लाभ स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस सेवा, होटल, रेस्टोरेंट, किराना स्टोर और सुपरमार्केट जैसी सेवाओं पर मिल रहा है। इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा "कीर्ति कार्ड" जारी किया गया है, जिससे लाभार्थी परिवार विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

कुपोषण दूर करने के लिए हृदय अभियान

हरदा जिले में कुपोषण को दूर करने और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए "हृदय अभियान" चलाया गया। इस अभियान के तहत 50 गांवों के 250 बच्चों को विशेष स्वास्थ्य शिक्षा और पोषण सुधार कार्यक्रम से जोड़ा गया। कुपोषित बच्चों को मोरिंगा चॉकलेट फ्लेवर वाला दूध उपलब्ध कराया गया, जिससे 90 दिनों के भीतर 99% तक सुधार के परिणाम मिले हैं। इस पहल को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सराहनीय बताया और अन्य जिलों में भी इसे अपनाने का सुझाव दिया।

केंद्रीय मंत्री का प्रशंसा पत्र

रामदास आठवले ने कलेक्टर आदित्य सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा— "मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि आपके द्वारा बेटी सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत रेवा परियोजना की शुरुआत की गई। यह योजना बेटियों को सम्मान और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, हृदय अभियान के माध्यम से कुपोषण को कम करने की दिशा में किए गए प्रयास सराहनीय हैं। मैं आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।"

हरदा मॉडल की हो रही चर्चा

हरदा जिला प्रशासन की इन पहलों की न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि अन्य राज्यों में भी चर्चा हो रही है। कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि— "हरदा जिले में सामाजिक और प्रशासनिक सुधारों को प्रभावी रूप से लागू करने की कोशिश की जा रही है। बेटियों को सम्मान देने और कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में यह योजनाएं बेहद कारगर साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री की मंशा है कि ये योजनाएं समाज के हर जरूरतमंद वर्ग तक पहुंचे।"